26 august 2025: हाल ही में सोशल मीडिया पर ये बहस छिड़ी हुई है कि पीएम नरेंद्र मोदी सितंबर में 75 साल के हो जाएंगे तो क्या कोई और प्रधानमंत्री का पद संभालेगा ? और प्रधानमंत्री पद की समय सीमा क्या है ? देश के संविधान में प्रत्येक नागरिक के अधिकारों का उल्लेख है, फिर चाहे वो आम नागरिक हो , मंत्री या प्रधानमंत्री, सभी को संविधान के तहत अधिकार और ज़िम्मेदारियाँ प्राप्त हैं। ये अधिकार किसी भी नागरिक के लिए शक्ति प्रदान करते हैं उसके अधिकारों के कारण ही वो अपने जीवन में बहुत से फैसले कर सकता है ।
जैसे नागरिक को शिक्षा का अधिकार है , उसे अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है इसी तरह उसको मतदान करने का अधिकार है । इन सभी तरह के अधिकारों की रक्षा करती है न्यायपालिका । देश के संविधान में प्रत्येक नागरिक के अधिकार ही उसे मजबूती प्रदान करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि देश के प्रधानमंत्री को संविधान के तहत क्या अधिकार प्राप्त हैं , प्रधानमंत्री का कार्यकाल कितना होता है और उनकी ज़िम्मेदारियाँ क्या है?
प्रधान मंत्री का चुनाव
प्रधानमंत्री के चुनाव की बात करें तो प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और राष्ट्रपति , लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं। लोकसभा के चुनाव के द्वारा हम अपना प्रधानमंत्री चुनते हैं। देश का प्रधानमंत्री होने के लिए नामांकित व्यक्ति को देश का नागरिक होना चाहिए । नामांकित व्यक्ति लोकसभा के सदस्य हों तो उनकी न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए और अगर वे राज्यसभा के सदस्य हों तो उनकी न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए । इसी के साथ भारत के किसी भी न्यायालय में नामांकित पर कोई आपराधिक आरोप सिद्ध नहीं होना चाहिए ।
प्रधान मंत्री का कार्यकाल
प्रधानमंत्री का कोई निश्चित कार्यकाल नहीं है । जब तक लोकसभा में प्रधानमंत्री को बहुमत प्राप्त है तब तक राष्ट्रपति उसे बर्खास्त नहीं कर सकता है लेकिन अगर लोकसभा में प्रधानमंत्री अपना विश्वासमत खो देता है तो उसे त्यागपत्र देना होगा। राजनीति से सेवानिवृत होने की कोई समय सीमा तय नहीं है। ये किसी पार्टी और नेता पर निर्भर करता है कि वो आगे पद पर बने रहना चाहते हैं या नहीं । कार्यकाल के समाप्त होने पर उनका पद नहीं रहेगा लेकिन वे फिर से चुनाव जीतकर पद हासिल कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री की शक्तियां और कार्य
प्रधानमंत्री की शक्तियों और कार्य के बारे में बात करें तो प्रधानमंत्री द्वारा ही यह चयन किया जाता है कि मंत्रियों को कौन से विभाग दिए जाने हैं। कबीनेट के मंत्रियों की अध्यक्षता भी प्रधानमंत्री करते हैं । प्रधानमंत्री के पास ये अधिकार भी है कि वो मंत्रियों को उनके पद छोड़ने के आदेश भी दे सकते सकते हैं या राष्ट्रपति से इसके लिए आग्रह कर सकते हैं । प्रधानमंत्री नीति आयोग , केबिनेट की नियुक्ति समिति , परमाणु ऊर्जा विभाग , अंतरिक्ष विभाग और पेंशन मंत्रालय के प्रमुख होते हैं । प्रधानमंत्री अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
इसके अलावा चुनाव आयुक्तों का चयन , भारत के महाधिवक्ता , यूपीएससी के अध्यक्ष और सदस्य , वित्त आयोग के सदस्य एवं अध्यक्ष , महान्यायवादी , नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के चयन का सुझाव प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति को दे सकते हैं।

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