फिल्मी और टेलिविज़न की दुनिया का एक मशहूर चेहरा अब हमारे बीच नहीं रहा। बता दें कि किडनी की बीमारी के चलते सतीश शाह ने अब इस दुनिया को अलविदा कह दिया है, पर उनके अनेकों किरदार आज भी फैंस के दिलों पर राज करते हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे सतीश शाह की फिल्मी और शोज़ के फेमस किरदारों के बारे में, जिनसे उन्हें पहचान मिली थी।
सतीश शाह की 13 फिल्में
भगवान परशुराम (1970)
सतीश शाह ने अपने करियर की शुरुआत साल 1970 में आई भगवान परशुराम फिल्म से की थी।
उमराव जान (1981)
सतीश शाह को पहला बड़ा रोल उमराव जान फिल्म में मिला था, जिसमें एक्टर ने दिलावर की भूमिका निभाई थी।
जाने भी दो यारों (1983)
इस फिल्म में एक्टर ने कमिश्नर डी’मेलो का रोल प्ले किया था, जहां से घर-घर में उन्हें जान जाने लगा। उनके इस किरदार की सबसे दिलचस्प बात यह थी कि वह इस कहानी में मारा जाता है और फिर भी वह किसी न किसी तरह से ज़िंदा बना रहता है। इसी वजह से इस फिल्म को सतीश शाह के करियर का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है।
आगे की सोच (1988)
साल 1988 की इस फिल्म में भी सतीश शाह नज़र आए थे। मुख्य किरदारों में सतीश शाह के साथ शक्ति कपूर, स्वप्ना, रज़ा मुराद भी शामिल थे।
हम आपके हैं कौन! (1994)
फिल्म “हम आपके हैं कौन” में सतीश शाह डॉक्टर चाचा के किरदार में नज़र आए थे। यह रोल भले ही छोटा था, लेकिन इसने दर्शकों के साथ रिश्ता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई थी।
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)
ब्लॉकबस्टर रही “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” में कॉमेडी रोल में देखे गए थे। रोल भले ही छोटा था लेकिन उनकी उपस्थिति ही फैंस का मन हल्का कर देती है।
हम साथ-साथ हैं (1999)
फिल्म में सतीश शाह ने प्रीति के पिता प्रीतम शुक्ला का किरदार निभाया था। एक बेटी के पिता के रूप में उन्होंने बड़े ही सहज और सरल तरीके से अभिनय किया था, जो दर्शकों को बेहद पसंद आया।
कल हो ना हो (2003)
“कल हो ना हो” में सतीश शाह ने करशन भाई का कैरेक्टर प्ले किया था। एक अमीर गुजराती पिता जिसे अपने बेटे के लिए एक अच्छी जीवनसाथी की तलाश है।
मैं हूँ ना (2004)
फिल्म में एक्टर ने प्रोफेसर माधव रसाई की भूमिका निभाई थी, इस किरदार की खासियत यह थी कि प्रोफेसर बोलते समय हमेशा थूका करते थे। इसे ‘सियालोक्वेंट’ नामक स्थिति के रूप में फिल्म में पेश किया गया है।
फना (2006)
फना मूवी में सतीश शाह एक मजबूत किरदार के रूप में दिखे। बता दें कि फिल्म में एक्टर भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी थे, जिनका नाम कर्नल मान सिंह था। इससे एक्टर की प्रतिभा की झलक मिलती है और पता चलता है कि वे केवल हास्य में ही नहीं बल्कि एक गंभीर किरदार से भी लोगों का दिल जीत सकते हैं।
ओम शांति ओम (2007)
शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण के मुख्य किरदार वाली इस फिल्म में सतीश शाह पार्थो रॉय का किरदार निभाते दिखे थे।
रा.वन (2011)
सतीश शाह इस फिल्म में अय्यर अंकल थे, एक सख्त मिजाजी अंकल जो उनके कॉमेडी वाले सभी रोक से थोड़ा अलग है।
हमशक्ल्स (2014)
आखिरी बार 2014 में निर्देशक साजिद खान की फिल्म ‘हमशकल्स’ में सतीश शाह वाई.एम राज के रोक में नज़र आए थे।
सतीश शाह के 8 शोज़
ये जो है ज़िंदगी (1984)
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले इस सिटकॉम में सतीश शाह ने 55 एपिसोड्स में 55 से भी ज्यादा रोल प्ले किए थे। एक्टर के नाम पर यह रिकॉर्ड उनके टैलेंट का बखान करता है।
फ़िल्मी चक्कर (1993-1995)
इस शो में एक्टर ने प्रकाश जायसवाल का रोल प्ले किया था और उनके साथ फीमेल लीड रत्ना पाठक शाह थीं।
घर जमाई (1997-1998)
शो “घर जमाई” में सतीश शाह विशम्बर मेहरा के रोल दिखे, दर्शकों ने इस पारिवारिक शो को खूब पसंद किया था।
ऑल द बेस्ट (1997-1999)
यह शो डीडी 2 आया करता था इसमें सतीश शाह के साथ स्वरोप संपत भी मुख्य भूमिका में थे। इस शो को आज एक यादगार कॉमेडी शो के रूप में जाना जाता है।
कॉमेडी सर्कस (2007-2008)
इस शो में सतीश शाह जज के रोल में थे, जिसमें उन्होंने कॉमेडी की दुनिया में कदम रखने वाले नए कलाकारों को अभिनय की कला सिखाई थी।
फिलिप्स टॉप 10 (1990 का दशक)
कॉमेडी+म्यूज़िक थीम वाले इस शो में एक्टर की मौजूदगी ने जैसे जान डाल दी थी।
साराभाई वर्सेस साराभाई (2002)
यह शो एक क्लासिक सिटकॉम है जिसे आज भी दर्शक देखना पसंद करते हैं। दिलीप साराभाई और उनकी पत्नी माया साराभाई की प्यार और कॉमेडी के तड़के वाली नोंक-झोंक देखने लायक है।
यूनाइटेड रॉ (2023)
इस शो में सतीश शाह के साथ सुनील ग्रोवर, मनीष रिषि चड्डा, सपना पब्बी जैसे कलाकार भी थे। एक्टर का रोल इसमें एक बुजुर्ग और अनुभवहीन जोगू चिमनलाल पटेल का था जो हर समय हास्य का पात्र बनता था।
