November 6, 2025
शायरी और ग़ज़लसाहित्य

Begam Akhtar: ग़ज़ल सुनने के हैं शौक़ीन तो प्लेलिस्ट में जोड़ लें बेग़म अख़्तर की 5 ग़ज़लें

Begam Akhtar: ग़ज़ल सुनने के हैं शौक़ीन तो प्लेलिस्ट में जोड़ लें बेग़म अख़्तर की 5 ग़ज़लें

20 , august 2025: ग़ज़ल , ठुमरी – दादरा का ज़िक्र हो और ज़हन में अख़्तरी बाई फ़ैज़ाबादी का नाम न आए ये हो नहीं सकता । आप ग़ज़लों पर दिल दे बैठते हैं तो इस आवाज़ से ज़रूर गुज़रे होंगे । किसी शायर की ग़ज़ल को जब आवाज़ दी जाती है तो वो ग़ज़ल बहुत से दिलों की आवाज़ बन बैठती है और फिर आवाज़ अगर बेग़म अख़्तर की हो तो क्या ही कहना । उनके द्वारा गायी हुईं ग़ज़लें दिल को लगती हैं इसमें कोई दो राय नहीं । गीत संगीत की दुनिया में कुछ आवाज़ें हमेशा के लिए रह जाती हैं उन्हीं में एक आवाज़ है बेगम अख़्तर की और अगर आप भी ग़ज़ल पसंद करते हैं तो यकीनन बेग़म अख़्तर की ग़ज़लें ज़रूर सुनेंगे ।

मल्लिक़ा ए ग़ज़ल बेग़म अख़्तर जी ने न सिर्फ उर्दू में बल्कि बांग्ला में भी अपनी आवाज़ आज़माई। बांग्ला में उनका गाया ‘पिया भोलो अभिमान’ बेहद प्यारा गीत है । वो ठुमरी हो या दादरा हो या फिर कोई ग़ज़ल बेग़म अख़्तर साहिबा का जादू सब पर चला । फ़ैज़ाबाद में जन्मी बेग़म अख़्तर ने अपनी ज़िंदगी में कई सारे शो किए और उन्हें लोगों ने बेहद मोहब्बत दी। इस दुनिया को अलविदा कह गईं अख़्तरी बाई फ़ैज़ाबादी  किस तरह अपनी कला के दम पर हम सभी के दिलों में ज़िंदा हैं , ये आप इन 5 ग़ज़लों को सुनकर बखूबी जान जाएंगे । तो चलिए जानते हैं उनकी इन ग़ज़लों में बारे में जो आपकी प्लेलिस्ट में ज़रूर होना चाहिए । 

1) तुम्हें याद हो कि न याद हो 

तुम्हें याद हो कि न याद हो मोमिन खान मोमिन कि ग़ज़ल है जिसे बेग़म अख़्तर ने अपनी आवाज़ दी है। इस खूबसूरत ग़ज़ल को अपने सुनने वालों से बेहद प्यार मिलता है। बेग़म अख़्तर गाती हैं ‘वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो’ यहाँ बेहद खूबसूरती से वो शायर की शिकायत को बयां कर रही हैं। मोमिन खान मोमिन एक नामि शायर हैं उनका ये क़लाम बेहद मशहूर है और बेग़म अख़्तर जी की आवाज़ में ये और खूबसूरत लगता है । यक़ीन मानिए ये ग़ज़ल आपके प्लेलिस्ट की शान को बढ़ा देगी। 

 2) मेरे हम नफ़स मेरे हमनवा 

ये बेहद खूबसूरत ग़ज़ल शकील बदायुनी की वो ग़ज़ल है जो आपको बेहद पसंद आएगी । इस ग़ज़ल का मक़्ता इस तरह है कि ‘वो उठे हैं लेके खुमु ओ सुबु अरे ओ शकील कहाँ है तू , तेरा जाम पीने को बज़्म में कोई और हाथ बढ़ा न दे’…. बेग़म अख़्तर की आवाज़ इस मक़्ते में चार चाँद लगा देती हैं । इतनी खूबसूरत ग़ज़ल फिर बेग़म अख़्तर की आवाज़, आप इसे अपनी पसंदीदा ग़ज़ल मान लेने से खुद को रोक न पाएंगे । 

 3) कुछ तो दुनिया की

‘कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया’ ये ग़ज़ल है मशहूर शायर सुदर्शन फ़ाक़िर की , इस ग़ज़ल में जो दर्द है उसे बेग़म अख़्तर जी ने बड़ी ईमानदारी से बयां कर दिया है , इतनी बेहतरीन ग़ज़ल है कि फिर आप इसे ही गुनगुनाएंगे। बेग़म अख़्तर की आवाज़ में ‘हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब,आयी बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया’ जब कान से होकर दिल में ये ग़ज़ल पहुँचती है तो ऐसा लगता है शायर के जज़्बात को उनकी आवाज़ ने मुकम्मल कर दिया है । ये नाउम्मीदी इस तरह बयां होती है कि आप इस ग़ज़ल को बार-बार सुनेंगे । 

4) ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया 

‘ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पर रोना आया’ ये ग़ज़ल शकील बदायूनी की बहुत मशहूर ग़ज़ल है। इसे आपने इंस्टाग्राम रील्स पर सुना होगा। जहां खूबसूरत तस्वीर के बैक ग्राउन्ड में ये खूबसूरत ग़ज़ल होती है । इस तरह के रील्स को बहुत पसंद किया जाता है, जब शकील की ग़ज़ल बेग़म अख़्तर की आवाज़ में हो तो पसंद क्यों न किया जाएगा। ‘जब हुआ ज़िक्र मोहब्बत का शकील , मुझको अपने दिल ए नादान पर रोना आया’, इस खूबसूरत ग़ज़ल को बेगम अख्तर जब अपनी आवाज़ देती हैं तो ऐसा लगता है कि जैसे शायर ने ये ग़ज़ल उनकी आवाज़ को सोचकर लिखी हो । आप इस ग़ज़ल को सुनेंगे तो यक़ीनन इसे अपनी प्लेलिस्ट का हिस्सा बना लेंगे। 

5) अपनों के सितम हम से बताए नहीं जाते 

‘अपनों के सितम हम से बताए नहीं जाते, ये हादसे वो हैं जो सुनाए नहीं जाते’ , ये खूबसूरत ग़ज़ल लिखी है सुदर्शन फ़ाक़िर ने । ये ग़ज़ल बेग़म अख़्तर की आवाज़ में इतनी बेहतरीन ग़ज़ल है कि आप इसे अपना दिल दे बैठेंगे। इस ग़ज़ल को आप खुद से जोड़ सकेंगे । इतनी बेहतरीन ग़ज़ल कि आप बार बार सुनना चाहेंगे। बेग़म अख़्तर की आवाज़ में ये ग़ज़ल सीधा ज़हन में उतरती है। ये ग़ज़ल सुन लेंगे तो अपनी पसंदीदा ग़ज़लों में ये ग़ज़ल भी दर्ज़ कर लेंगे । 

 

 

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